भारत के लिए अंतरिक्ष की दुनिया में एक ऐतिहासिक दिन उस वक्त बना, जब Indian Air Force के Group Captain Shubhanshu Shukla Axiom Mission 4 के तहत International Space Station (ISS) पहुंचे। करीब चार दशक बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने स्पेस की दहलीज पार की है। लेकिन इसी गौरवशाली पल के बीच Shubhanshu Shukla ने कुछ हेल्थ इश्यू महसूस किए।
अंतरिक्ष में जाने के बाद Shubhanshu Shukla ने बताया कि वह dizziness और space sickness जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। NDTV को भेजे गए अपने मैसेज में उन्होंने कहा कि
“सर भारी लग रहा है और कुछ चीजें सामान्य नहीं लग रही हैं।” अंतरिक्ष में पहले 48 घंटे हर एस्ट्रोनॉट के लिए मुश्किल भरे होते हैं और Shubhanshu Shukla भी इस दौर से गुजर रहे हैं।
Space में Shubhanshu Shukla का पहला Experience
International Space Station पर पहुंचने के बाद Shubhanshu Shukla ने बताया कि वह खुद को एक नन्हे बच्चे की तरह महसूस कर रहे हैं। ग्रेविटी खत्म होने के बाद चलना, खाना और सोना तक एक नई चुनौती है। उन्होंने कहा कि स्पेस में जाने का अनुभव शानदार है लेकिन वहां शरीर को एडजस्ट करने में वक्त लगता है।
उनके मुताबिक, स्पेस में पहुंचते ही शरीर की Fluids सिर की तरफ खिंचने लगती हैं, जिससे dizziness और space sickness महसूस होती है। यह बेहद सामान्य है और ज्यादातर अंतरिक्ष यात्री इस दौर से गुजरते हैं।
Source: Business Standard
Dizziness और Space Health को लेकर क्या बोले डॉक्टर्स?
Axiom-4 मिशन के लिए European Space Agency (ESA) की डॉक्टर Brigitte Godard ने बताया कि स्पेस में जाने के बाद हर अंतरिक्ष यात्री को शुरुआत में space sickness होती है। Shubhanshu Shukla का भी यही अनुभव है। उनके शरीर में Fluids का distribution बदल रहा है, जिससे सिर भारी और नींद ज्यादा आ रही है।
डॉक्टर्स के मुताबिक, स्पेस में 14 दिनों के इस मिशन के दौरान Shubhanshu Shukla को रोज एक्सरसाइज करनी होगी ताकि उनकी muscle loss और bone density कम हो। Space में dizziness को कंट्रोल करने के लिए लगातार health monitoring की जा रही है।
Shubhanshu Shukla ने Space में क्यों महसूस की Dizziness?
International Space Station पर zero-gravity की वजह से शरीर में fluids ऊपर की तरफ खिंचने लगते हैं। इससे सिर भारी और dizziness जैसा अनुभव होता है। डॉक्टर्स इसे orthostatic hypotension कहते हैं। Shubhanshu Shukla ने बताया कि स्पेस में पहुंचने के बाद पहले दिन उन्हें बार-बार नींद आ रही थी और काफी थकावट महसूस हो रही थी।
Space Health Experts का कहना है कि शुरुआती 48 घंटे में शरीर स्पेस के माहौल के साथ सामंजस्य बिठाने की कोशिश करता है। इस दौरान dizziness, headache और थकान बेहद सामान्य लक्षण हैं।
Shubhanshu Shukla की Space Journey और भारत के लिए गर्व का पल
Axiom-4 मिशन के तहत Shubhanshu Shukla को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर भारत का झंडा लेकर जाते हुए देखना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। इस मिशन में उनके साथ Peggy Whitson, Slawosz Uznanski-Wisniewski और Tibor Kapu भी मौजूद हैं।
Shubhanshu Shukla ने स्पेस में जाने से पहले Shah Rukh Khan की फिल्म Swades का गाना ‘Yun Hi Chala Chal’ सुना था। उन्होंने कहा था कि यह गाना उन्हें देश और परिवार की याद दिलाता है।
Space में 16 बार सूरज और 16 बार चांद
Shubhanshu Shukla ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की और बताया कि अंतरिक्ष में हर दिन 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त होता है। यह अनुभव बेहद अनोखा और भावुक करने वाला है।
International Space Station पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर ऊपर है और हर 90 मिनट में पृथ्वी का चक्कर लगाता है। यही वजह है कि दिन और रात कई बार देखने को मिलती है।
Future में Health Challenges और Space Research
डॉक्टर्स का कहना है कि स्पेस में 14 दिन बिताने के बाद Shubhanshu Shukla को वापस धरती पर आने पर dizziness, bone weakness और immune changes का सामना करना पड़ सकता है।
Space Health Experts के मुताबिक, space sickness और dizziness से निपटने के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में Astronauts को डेली वर्कआउट और स्ट्रिक्ट डायट फॉलो करनी पड़ती है। Shubhanshu Shukla भी यही कर रहे हैं।
इस मिशन के दौरान वह कई महत्वपूर्ण experiments और scientific research भी करेंगे। इससे future space missions में हेल्थ से जुड़ी रणनीति बेहतर बन सकेगी।
Indian Space History में Shubhanshu Shukla का नाम दर्ज
Rakesh Sharma के बाद पहली बार किसी भारतीय ने International Space Station में कदम रखा है। Shubhanshu Shukla का यह मिशन भारत के स्पेस इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा।
उनकी इस यात्रा से भारत की private space mission capability भी मजबूत हुई है। Axiom Space जैसे प्राइवेट स्पेस मिशन में भारतीय की भागीदारी भविष्य में नए दरवाजे खोलेगी।
Conclusion : Dizziness के बावजूद शानदार हौसला
Shubhanshu Shukla ने बताया कि dizziness और थकावट के बावजूद वह mission के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह अनुभव अनमोल है और मैं हर पल इसे जी रहा हूं।
उनकी यह journey न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। Space Health और Human Space Travel की understanding के लिए भी Shubhanshu Shukla का यह mission एक नया अध्याय है।
Read Also: Akhilesh Yadav और Dimple Yadav, घर पर दी मिशन की ग्रैंड सफलता की शुभकामनाएं!