
Kolkata Law College Gang Rape आरोपी ने पहले मांगी थी फांसी
कोलकाता, 28 जून 2025: दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुए गैंगरेप केस में मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा की भूमिका पर नया मोड़ सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि मिश्रा वही व्यक्ति है जिसने RG Kar Medical College rape-murder case में एक साल पहले सोशल मीडिया पर फांसी की सज़ा की मांग की थी।
मोनोजित, जो कॉलेज में कॉन्ट्रैक्ट पर नॉन-टीचिंग स्टाफ है, अब खुद एक जघन्य यौन अपराध में फंसा है। यह विडंबना कई सवाल खड़े करती है—क्या कानून की पढ़ाई और प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाने वाला व्यक्ति खुद कानून को लांघ सकता है?
Source: NDTV
एक तरफ आरोपी ने पहले ‘Immediate Justice’ की मांग की थी, और अब वही न्याय की कसौटी पर खड़ा है।
RG Kar Case में Justice की मांग, अब खुद पर इल्ज़ाम
2024 में RG Kar Medical College की एक 31 वर्षीय छात्रा के साथ रेप और हत्या हुई थी। उस समय सोशल मीडिया पर मोनोजित मिश्रा ने X (पहले Twitter) पर लिखा था:
“Want death sentence for the rapist. Want justice and not drama.”
RG Kar केस में देशभर में गुस्सा था, लेकिन अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की सजा दी, क्योंकि यह ‘rarest of the rare’ श्रेणी में नहीं आता था।
सरकार ने उस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील भी की है, लेकिन तब मिश्रा जैसे लोगों की मांग थी कि दोषी को फांसी दी जाए। अब जब वही व्यक्ति खुद यौन अपराध में पकड़ा गया है, तो समाज में नैतिकता को लेकर बहस तेज हो गई है।
Law Student Gang Rape Case में जो हुआ वह हैरान करने वाला
घटना 25 जून की है, जब एक 24 वर्षीय छात्रा को South Calcutta Law College में एक्साम से जुड़े बहाने से रुकवाया गया। आरोप है कि मोनोजित मिश्रा और दो छात्रों Zaib Ahmed व Pramit Mukherjee, साथ ही एक सिक्योरिटी गार्ड ने मिलकर छात्रा के साथ गैंगरेप किया।
FIR के अनुसार, छात्रा को गार्ड रूम में ले जाकर करीब 3 घंटे तक बंधक बनाया गया। CCTV फुटेज और छात्रा के बयान से ये बातें सामने आईं:
- पीड़िता आरोपी के पैरों पर गिरकर माफ़ी मांगती रही।
- उसे हॉकी स्टिक से धमकाया गया और सिर पर चोट दी गई।
- आरोपियों ने पूरा कृत्य मोबाइल से रिकॉर्ड किया।
- वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे चुप रहने को कहा गया।
- यह सब एक शिक्षण संस्थान में हुआ, जहां छात्रा को सबसे सुरक्षित महसूस करना चाहिए था।
Security Guard की चुप्पी और System की विफलता
CCTV फुटेज में यह भी दिखा कि सिक्योरिटी गार्ड घटनास्थल के आसपास मौजूद था, लेकिन उसने हस्तक्षेप नहीं किया। इससे सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी उजागर हुई है।
पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मोबाइल डिवाइसेज़ की फॉरेंसिक जांच जारी है। वहीं छात्रा का मेडिकल टेस्ट भी कराया गया है, जिसमें यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है।
एक बार फिर यह सवाल उठा है कि कॉलेज कैम्पस में सुरक्षा की स्थिति इतनी कमजोर क्यों है?
Public और Political Reaction: Hypocrisy और Blame Game
इस केस में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तीखी रही हैं। TMC नेता Madan Mitra ने बयान दिया कि “अगर लड़की अपने दोस्तों के साथ होती तो ये घटना नहीं होती।” इस बयान की व्यापक आलोचना हुई, क्योंकि यह victim-blaming की मिसाल है।
साथ ही मोनोजित मिश्रा की पूर्व की टिप्पणी—जिसमें वह न्याय की मांग कर रहा था—अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग इसे hypocrisy बता रहे हैं।
इससे पहले जिस व्यक्ति ने कानून के सम्मान की बात की थी, अब वही खुद कानून के शिकंजे में है।
क्या Law Students पर Political Shadow पड़ रही है?
South Calcutta Law College और RG Kar College दोनों में कुछ छात्रों का कथित राजनीतिक कनेक्शन भी चर्चा में है। कॉलेज प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि ऐसे लोगों को नियुक्त क्यों किया गया, जिनका व्यवहार खुद आपराधिक हो सकता है?
क्या छात्र राजनीति की आड़ में कुछ लोग कानून से ऊपर बनने लगे हैं? यह केस यह दिखाता है कि जब सिस्टम में गड़बड़ी होती है, तो कैसे पूरा माहौल ही खतरनाक बन सकता है।
High Court में Appeal और Justice की दिशा
RG Kar केस में राज्य सरकार ने पहले ही कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी है, जिसमें दोषी को फांसी देने की मांग की गई है। अब सवाल यह है कि South Calcutta Law College केस में न्याय किस दिशा में जाएगा?
क्या यहां भी ‘rarest of the rare’ का मूल्यांकन होगा? क्या वीडियो सबूत और गंभीर चोटें पर्याप्त हैं कठोर सजा के लिए?
पुलिस का कहना है कि चार्जशीट जल्द ही दाखिल की जाएगी।
निष्कर्ष: Campus Safety और Moral Collapse की कहानी
इस पूरे घटनाक्रम ने फिर से यह साबित किया है कि Campus safety को लेकर भारत में गंभीर बदलाव की जरूरत है। जब कॉलेजों में ही यौन हिंसा हो रही हो और आरोपी कोई बाहरी नहीं, बल्कि कॉलेज का ही सदस्य हो—तो सवाल प्रशासन, समाज और हमारी सोच तीनों पर उठते हैं।
मोनोजित मिश्रा की कहानी समाज में दोहरे मापदंडों की असलियत उजागर करती है—जो कल तक न्याय की दुहाई देता था, आज खुद कठघरे में खड़ा है।
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