
Puri की ऐतिहासिक Jagannath Rath Yatra इस बार एक बड़े हादसे की गवाह बनी। रविवार तड़के सुबह, Gundicha Temple के पास श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में भगदड़ मच गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब ‘पाहंडी’ अनुष्ठान चल रहा था और भक्त प्रभु जगन्नाथ के दर्शन के लिए मंदिर के पास जमा थे। अचानक एक भीड़ का बड़ा हिस्सा अनियंत्रित हो गया और भगदड़ की स्थिति बन गई।
घटना के तुरंत बाद पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मृतकों की पहचान प्रेमकांत मोहंती (80), बसंती साहू (36) और प्रभाती दास (42) के रूप में हुई है। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है।
4 बजे के आसपास मची भगदड़, कई गंभीर रूप से घायल
जानकारी के अनुसार, हादसा सुबह करीब 4:00 बजे हुआ जब Gundicha Temple के पास भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच चुकी थी। भक्त ‘पाहंडी’ अनुष्ठान के दौरान रथ खींचने और दर्शन के लिए आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान संकरी गली में भीड़ का दबाव बढ़ा और कई लोग गिर गए। कुछ चश्मदीदों ने दावा किया कि लॉगिंग ट्रकों की एंट्री और VIP मूवमेंट की वजह से भी अफरा-तफरी मची।
घायलों में से कम से कम 12 को ICU में भर्ती किया गया है, जबकि कई अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि भीड़ बहुत अधिक थी, लेकिन पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने समय पर हस्तक्षेप कर हालात को और बिगड़ने से रोका।
Source: The Tribune
Jagannath Rath Yatra में इस बार रिकॉर्ड भीड़ उमड़ी
Odisha के पुरी में हर साल होने वाली Jagannath Rath Yatra दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। इस वर्ष प्रशासन को उम्मीद थी कि 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस उत्सव में भाग लेंगे, लेकिन भीड़ ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। शुक्रवार और शनिवार को मंदिर शहर में करीब 12 लाख लोग पहुंचे।
त्योहार की भव्यता और श्रद्धा के बीच हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से रथ यात्रा में भीड़ बढ़ती जा रही है, लेकिन व्यवस्था में जरूरी सुधार नहीं हो पा रहे हैं। लोगों ने सवाल उठाया है कि जब पहले से ही इतनी भीड़ की आशंका थी तो पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
हादसे के बाद उठे प्रशासन पर सवाल
घटना के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और कई विपक्षी नेताओं ने judicial inquiry की मांग की है। उन्होंने सवाल किया कि जब हर साल यह आयोजन होता है, तब भीड़ नियंत्रण की योजना क्यों विफल हो रही है?
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया कि VIP मूवमेंट के कारण आम श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में देरी हुई। साथ ही कई जगह पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी और बैरिकेडिंग पर्याप्त नहीं थी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी बड़ी घटनाओं को रोकने के लिए हाई-टेक निगरानी, ट्रैफिक कंट्रोल और emergency response systems की जरूरत है।
राज्य सरकार का बयान और जांच के आदेश
Odisha सरकार के कानून मंत्री ने हादसे पर दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया और स्थिति को जल्द काबू में लाया गया।
राज्य के DGP ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और मीडिया को बताया कि “हालात असामान्य थे, लेकिन पुलिस बल ने तेजी से कार्य किया।” प्रशासन ने पूरे मामले की high-level inquiry के आदेश दे दिए हैं।
Gundicha Temple की ओर श्रद्धा की डगर पर छाया मातम
पुरी का Gundicha Temple, जहां भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर जाते हैं, अब मातम का केंद्र बन गया है। श्रद्धालुओं के चेहरों पर दुःख और चिंता साफ झलक रही है। भगवान के दर्शन को आए भक्तों के लिए यह यात्रा अब एक कड़वी याद बन चुकी है।
हालांकि धार्मिक आस्था में कोई कमी नहीं आई है, लेकिन हादसे ने प्रशासन को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम धार्मिक आयोजनों को सुरक्षित तरीके से संभालने में सक्षम हैं?
आगे की राह: सुधार की मांग और समाधान की उम्मीद
विशेषज्ञों का कहना है कि mass gathering safety protocols अब हर राज्य और आयोजन में अनिवार्य रूप से लागू करने होंगे। Puri जैसे शहर, जहां हर साल लाखों लोग एक साथ जुटते हैं, वहां smart crowd management, facial recognition cameras और real-time monitoring systems की जरूरत है।
इसके अलावा, श्रद्धालुओं को भी सतर्क रहना होगा और सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। VIP मूवमेंट और आमजन की आवाजाही के बीच स्पष्ट अंतर बनाए रखना, emergency exits और medical camps को पहले से एक्टिव करना ज़रूरी है।
निष्कर्ष: श्रद्धा, सुरक्षा और सिस्टम का संतुलन ज़रूरी
Jagannath Rath Yatra का महत्व भारत के हर भक्त के दिल में गहराई से बसा है। यह न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर भी है। लेकिन श्रद्धा के साथ-साथ सुरक्षा का भी ध्यान रखना जरूरी है।
पुरी की इस दुखद घटना से सबक लेना चाहिए—चाहे वह प्रशासन हो, आयोजक हों या आम लोग। इस हादसे को एक चेतावनी मानकर भविष्य की योजनाओं में सुधार जरूरी है ताकि आस्था का उत्सव कभी मातम में न बदले।
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