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माँ-बाप के इकलौते बेटे की मौत! – छत से गिरने के बाद Former SBI Manager ने तोड़ा दम

Faridabad Tragedy: Former SBI Manager Dead

Source: The Indian Express

घटना Faridabad के सेक्टर 88 की RPS Savana सोसाइटी की है

faridabad के Sector 88 स्थित एक हाई-राइज़ सोसाइटी में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां 66 वर्षीय Former SBI Manager की एक मामूली सी लापरवाही और इमारत की घटिया स्थिति के कारण जान चली गई। मंगलवार की सुबह, Khulwant Singh नामक रिटायर्ड बैंक अफसर अपने फ्लैट के पास स्थित स्काइवॉक पर पौधों को पानी दे रहे थे, तभी लोहे की जंग लगी स्लैब अचानक उनके नीचे से टूट गई और वे 14वीं मंज़िल से सीधा नीचे गिर पड़े।

स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने एक तेज़ आवाज़ सुनी और जब बाहर आकर देखा, तो Khulwant Singh ज़मीन पर गिरे पड़े थे। तुरंत उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

स्काइवॉक की हालत जर्जर, कई बार दी गई थी चेतावनी

Residents Welfare Association ने पहले ही जताई थी चिंता

स्थानीय पुलिस और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) का कहना है कि जिस स्काइवॉक पर Former SBI Manager गिरकर मारे गए, वह पिछले कई महीनों से जर्जर हालत में था। यह स्काइवॉक दो टावर्स के बीच बनाया गया था ताकि आपातकालीन स्थिति में लोग सुरक्षित तरीके से एक टावर से दूसरे टावर तक जा सकें। लेकिन धीरे-धीरे यहां पौधों के गमले रखे जाने लगे और लोग इसे अपने गार्डन की तरह इस्तेमाल करने लगे।

RWA के मुताबिक, उन्होंने साल 2021 से इस बात को लेकर कई बार निवासियों को चेताया था कि पौधों को स्काइवॉक पर न रखें क्योंकि इससे नमी बढ़ती है और लोहे के ढांचे पर बुरा असर पड़ता है। मगर उनकी चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया गया और किसी ने जिम्मेदारी से इसकी मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया।

पुलिस ने दर्ज किया मामला, डेवलपर की भूमिका पर सवाल

Former SBI Manager की मौत से गुस्से में निवासी

BPTP थाना पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita (BNSS) की धारा 194 के तहत मामला दर्ज किया है और प्रथम दृष्टया इसे लापरवाही का मामला माना जा रहा है। SHO अरविंद कुमार ने बताया कि जांच के तहत सोसाइटी डेवलपर, RWA सदस्यों और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों से पूछताछ की जाएगी।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सोसाइटी की गुणवत्ता शुरू से ही खराब रही है। उन्होंने निर्माण के समय से ही बिल्डर की ओर से घटिया सामग्री के इस्तेमाल और डिजाइन की खामियों को लेकर शिकायतें दर्ज कराई थीं। लेकिन न तो बिल्डर ने कभी ध्यान दिया और न ही नगर निगम या जिला प्रशासन ने कोई सख्त कार्रवाई की।

बालकनी और स्काइवॉक पर पौधे रखने से जुड़े नए नियम

NCR में पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

यह हादसा केवल एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं है, बल्कि पूरे NCR क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है। हाल ही में कई हाउसिंग सोसायटीज़ में बालकनी और कॉमन एरिया में गमले रखने पर बैन लगाया गया है। कारण यही है—ये सजावट की चीज़ें कभी-कभी जानलेवा बन सकती हैं।

Former SBI Manager के साथ जो हुआ, वह इस बात को दोहराता है कि किस तरह हम अपने रहने की जगहों की संरचना और देखरेख को लेकर लापरवाह हैं। ऐसे हादसे न केवल एक परिवार को उजाड़ देते हैं, बल्कि सोसाइटी के बाकी लोगों के लिए भी खतरे की घंटी बनते हैं।

Former SBI Manager के जीवन की झलक

एक जिम्मेदार नागरिक और शांत व्यक्तित्व का अंत

Khulwant Singh, जो State Bank of India से रिटायर हुए थे, एक बेहद शांत और जिम्मेदार व्यक्ति माने जाते थे। उनकी पत्नी की मृत्यु कुछ साल पहले हो चुकी थी और अब वे अपने बेटे, बहू और पोते-पोतियों के साथ रहते थे। रेजिडेंट्स बताते हैं कि वे सुबह-सुबह टहलते, पौधों को पानी देते और हमेशा किसी से मुस्कुराकर मिलते थे।

उनकी इस तरह से मृत्यु ने पूरी सोसाइटी को झकझोर कर रख दिया है। लोग कह रहे हैं कि अगर बिल्डर ने समय रहते स्काइवॉक की मरम्मत करवा दी होती या RWA ने अधिक सख्ती दिखाई होती, तो यह हादसा टल सकता था।

अब क्या?—सुरक्षा उपायों की सख्त ज़रूरत

हाई-राइज़ सोसाइटीज़ में निगरानी प्रणाली हो अनिवार्य

Former SBI Manager की मौत का मामला सिर्फ एक इमारत तक सीमित नहीं है। आज पूरे देश में हज़ारों ऐसी रेजिडेंशियल सोसाइटीज़ हैं जहां कॉमन एरिया की देखभाल या तो RWA के भरोसे है या फिर पूरी तरह उपेक्षित। ऐसे में यह हादसा सरकार, बिल्डरों और निवासियों तीनों के लिए चेतावनी है।

सरकार को चाहिए कि वह हाई-राइज़ सोसाइटीज़ में साल में कम से कम दो बार स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य करे। वहीं, बिल्डरों को हैंडओवर के समय एक विस्तृत संरचना रिपोर्ट देनी चाहिए। निवासियों को भी जागरूक रहना होगा कि वे किसी भी असुरक्षित ढांचे का इस्तेमाल न करें।

जनता की भूमिका: लापरवाही नहीं, जागरूकता हो ज़रूरी

Former SBI Manager की मृत्यु को न जाने दें व्यर्थ

Khulwant Singh जैसे नागरिकों की जान तभी सुरक्षित रहेगी जब हम अपने परिवेश को गंभीरता से लेना शुरू करेंगे। पौधों की सजावट अच्छी बात है, लेकिन यदि वह जान पर भारी पड़ जाए, तो उसका कोई औचित्य नहीं बचता। जरूरी है कि सभी सोसाइटीज़ में सुरक्षा गाइडलाइन बनाई जाएं और उनका पालन कराया जाए।

यह हादसा एक सबक है। अब वक्त आ गया है कि हम अपनी इमारतों की संरचना, सुरक्षा और रखरखाव को लेकर ज़िम्मेदार बनें। इस दुखद हादसे को एक बदलाव की शुरुआत के रूप में देखा जाना चाहिए, ताकि आगे किसी और परिवार को इस पीड़ा से न गुजरना पड़े।

निष्कर्ष

Former SBI Manager की मौत ने उठाए कई सवाल

Khulwant Singh की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—बिल्डरों की जवाबदेही से लेकर RWA की भूमिका तक। क्या अब समय नहीं आ गया कि सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए? क्या यह जरूरी नहीं कि हर हाउसिंग सोसाइटी में ऐसे हादसों को रोकने के लिए एक ठोस नीति बने?

इस हादसे को एक चेतावनी के रूप में लें। अपने आस-पास के ढांचों की हालत पर ध्यान दें, संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें और जहां ज़रूरत हो वहां सुधार की मांग करें। यही Former SBI Manager को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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