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मुझे कुरान चाहिए! जानें तहव्वुर राणा ने NIA अधिकारियों से की किन तीन चीजों की मांग

मुझे कुरान चाहिए! जानें तहव्वुर राणा ने NIA अधिकारियों से की किन तीन चीजों की मांग

बताया जा रहा है कि 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी से जांच एजेंसी द्वारा जांच के दौरान जुटाए गए विभिन्न सुरागों के आधार पर पूछताछ की जाएगी.

मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारी प्रतिदिन आठ से दस घंटे पूछताछ कर रहे हैं ताकि भयानक हमलों की बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि एनआईए के अधिकारी राणा की चिकित्सा जांच सुनिश्चित कर रहे हैं और उसे उसके वकील से मिलने की इजाजत दी जा रही है. यह आदेश दिल्ली की एक अदालत ने दिया था जिसने अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण के बाद शुक्रवार की सुबह जांच एजेंसी को उसकी 18 दिन की हिरासत प्रदान की थी.

रोज 8-10 घंटे पूछताछ कर रही NIA

सूत्रों ने बताया कि एनआईए के जांचकर्ता राणा से प्रतिदिन आठ से दस घंटे तक पूछताछ कर रहे हैं, ताकि 2008 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए कायराना हमलों की बड़ी साजिश की जांच की जा सके. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे.

कुरान, कलम और कागज की मांग

एक सूत्र ने बताया, “पूछताछ के दौरान राणा सहयोग कर रहा है.” उन्होंने बताया कि मुख्य जांच अधिकारी जया रॉय के नेतृत्व में एनआईए अधिकारियों की एक टीम उससे पूछताछ कर रही है. सूत्रों ने बताया कि राणा ने अब तक केवल तीन चीजें मांगी हैं – एक कलम, कागज और कुरान – जो उसे उपलब्ध करा दी गई हैं.

उन्होंने कहा कि राणा द्वारा अब तक भोजन से संबंधित कोई विशेष मांग नहीं की गई है और उसे ऐसे विषयों से निपटने के लिए मानक प्रोटोकॉल के अनुसार “वही खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है जो किसी अन्य आरोपी को दी जाती है.”

हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है तहव्वुर राणा

सूत्रों ने बताया कि खूंखार आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता को यहां सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित आतंकवाद रोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर एक उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में रखा गया है और चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी उसकी निगरानी के लिये तैनात रहते हैं.

बताया जा रहा है कि 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी से जांच एजेंसी द्वारा जांच के दौरान जुटाए गए विभिन्न सुरागों के आधार पर पूछताछ की जाएगी, जिसमें उसके और उसके सह-षड्यंत्रकारी डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी के बीच बड़ी संख्या में फोन कॉल शामिल हैं. हेडली एक अमेरिकी नागरिक है जो वर्तमान में उस देश की जेल में बंद है.

10 अप्रैल को भारत लाया गया था तहव्वुर राणा

सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ताओं को 26 नवंबर 2008 को देश की आर्थिक राजधानी में हुए नरसंहार से पहले उत्तरी और दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में उनकी यात्राओं के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिलने की भी उम्मीद है. अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद राणा को 10 अप्रैल को भारत लाया गया था.

राणा पर देश में षड्यंत्र, हत्या, आतंकवादी कृत्य और जालसाजी सहित कई अपराधों के आरोप लगाए गए हैं. एनआईए ने वर्षों के सतत प्रयासों के बाद अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया था. आतंकी सरगना द्वारा अमेरिका से अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगवाने के तमाम प्रयास भी विफल हो गए थे.

आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने 11 नवंबर, 2009 को हेडली, उसके बचपन के दोस्त राणा और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 121 ए, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18 और सार्क संधि (आतंकवाद निवारण) अधिनियम की धारा 6 (2) के तहत मामला दर्ज किया था.

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