
प्रधानमंत्री PM Modi ने शनिवार को अंतरिक्ष में मौजूद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla से सीधे संवाद किया। यह बातचीत भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पल रही, क्योंकि शुक्ला भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो लगभग चार दशक बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे हैं। वह Axiom Mission-4 (Ax-4) का हिस्सा हैं, जो अमेरिका की स्पेस कंपनी Axiom Space द्वारा संचालित है।
PM Modi ने शुक्ला को देश का गौरव बताते हुए कहा कि “आप धरती से सबसे दूर हैं, लेकिन 140 करोड़ भारतीयों के दिल के सबसे करीब हैं।” इस ऐतिहासिक बातचीत को देशभर में टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लाइव देखा गया।
Source: CNN-News18
अंतरिक्ष से भारत को देखकर भावुक हुए Shubhanshu Shukla
Shubhanshu Shukla ने बताया कि अंतरिक्ष से भारत को देखना बेहद भावुक पल था। उन्होंने कहा,
“यहां से भारत बहुत बड़ा और भव्य दिखाई देता है। जैसे मानो नक्शे से भी विशाल।” शुक्ला ने बताया कि अंतरिक्ष से देखने पर धरती सीमाओं के बिना प्रतीत होती है—ना देश, ना राज्य—बस एक साझा ग्रह।
PM Modi ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत की युवा पीढ़ी को शुक्ला से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा,
“आपकी यात्रा नए भारत के आत्मविश्वास और क्षमता का प्रतीक है।”
PM Modi बोले: “यह नया युग का Shubh-aarambh है”
प्रधानमंत्री ने शुक्ला के नाम में “Shubh” शब्द का उल्लेख करते हुए कहा कि
यह “Shubh-aarambh” है—भारत के अंतरिक्ष मिशन के लिए एक शुभ शुरुआत। PM Modi ने कहा कि यह मिशन सिर्फ अंतरिक्ष में उड़ान नहीं है, बल्कि भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य का परिचायक है।
उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि भारत के युवा आज आसमान से भी आगे की सोच रखते हैं। शुक्ला की सफलता आने वाली पीढ़ियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
“Sky is never the limit” का संदेश छात्रों के नाम
जब PM Modi ने पूछा कि वह भारत के छात्रों को क्या संदेश देना चाहेंगे, तो Shubhanshu Shukla ने कहा, “Sky is never the limit—not for you, not for me, not for India।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि संयम और सोच के साथ सही निर्णय लें, तभी जीवन और देश दोनों का भविष्य उज्ज्वल होगा।
उनका यह प्रेरणादायक संदेश देश के युवाओं के लिए एक दिशा बन सकता है, खासकर उन छात्रों के लिए जो विज्ञान, टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष की ओर रुझान रखते हैं।
ISS पर 16 बार सूर्योदय और गाजर का हलवा!
शुक्ला ने अंतरिक्ष में जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां हर दिन 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि जीरो ग्रैविटी में सोना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन यह एक अनोखा अनुभव है।
इस बातचीत में एक दिलचस्प पल तब आया जब उन्होंने बताया कि वह अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आमरस लेकर गए थे, जिसे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दल के साथ साझा किया। इससे पता चलता है कि भारतीय संस्कृति और स्वाद दुनिया के हर कोने में अपनी जगह बना रहा है।
अंतरिक्ष में भारत का झंडा और 140 करोड़ की उम्मीदें
Shubhanshu Shukla का यह मिशन सिर्फ वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि देश की उम्मीदों का प्रतीक है।
PM Modi ने कहा, “जब आप भारत का झंडा लेकर अंतरिक्ष में हैं, तो आप सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों की उम्मीदें और सपने लेकर गए हैं।”
PM ने इस मौके पर ISRO और Axiom Space की टीम को भी धन्यवाद दिया और कहा कि यह मिशन भारत-अमेरिका सहयोग का बेहतरीन उदाहरण है।
41 साल बाद अंतरिक्ष में भारत की वापसी
Shubhanshu Shukla 1984 के बाद पहले भारतीय हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा की है। उनसे पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन के तहत उड़ान भरी थी। लेकिन अब भारत अपने बलबूते Gaganyaan जैसे मिशनों की योजना पर काम कर रहा है।
बताया जा रहा है कि Shubhanshu Shukla 2027 के आसपास Gaganyaan-4 मिशन का भी हिस्सा हो सकते हैं, जो पूरी तरह भारतीय क्रू के साथ होगा।
देश के लिए गर्व का पल, नई प्रेरणा की लहर
PM Modi और Shubhanshu Shukla के बीच यह बातचीत तकनीकी रूप से जितनी जटिल थी, भावनात्मक रूप से उतनी ही सशक्त भी। यह सिर्फ अंतरिक्ष संवाद नहीं था, बल्कि भारत के आत्मविश्वास, वैज्ञानिक क्षमता और युवा जोश की झलक थी।
जहां एक ओर प्रधानमंत्री का भाषण प्रेरणादायक था, वहीं शुक्ला का आत्मविश्वास और सहजता देशवासियों के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आई। उनका यह ऐतिहासिक मिशन भारत के लिए एक नया अध्याय बन चुका है।
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