
New Delhi, June 2025 – Bollywood में work-life balance को लेकर चल रही बहस ने एक बार फिर जोर पकड़ा है, जब खबर आई कि Deepika Padukone को डायरेक्टर Sandeep Reddy Vanga की आगामी फिल्म Spirit से बाहर कर दिया गया था। वजह: Deepika Padukone ने 8-hour workday, profit sharing, और अन्य कुछ contractual clauses की मांग की थी।
इस मुद्दे पर Maharaj के निर्देशक Siddharth P Malhotra ने पूरी तरह उनका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह मांग नई नहीं, बल्कि बॉलीवुड की अतीत की परंपरा से प्रेरित है—जैसे Rani Mukerji और Kajol ने पहले ही इसी तरह के structured काम के घंटे अपनाए थे।
“ये मांग नई नहीं है। Rani Mukerji और Kajol सालों से 8 घंटे काम करती आ रही हैं,” उन्होंने IANS को बताया।
क्या कहा Siddharth Malhotra ने?
Siddharth P Malhotra ने IANS को बताया:
“Hichki की शूटिंग हमने केवल 28 दिनों में पूरी की थी, और वह भी 8-hour shifts में, जिसमें Rani Mukerji और बच्चे शामिल थे। यह दर्शाता है कि ये structured shooting schedules काम करते हैं।”
उन्होंने कहा कि यह केवल efficiency का मामला है, ego नहीं:
“Actors, DOPs, light technicians—सभी को एक सिंक्रनाइज़्ड schedule चाहिए। इससे productivity बढ़ती है और burnout कम होता है।”
Deepika Padukone क्यों बनी बहस का केंद्र?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Deepika Padukone ने फिल्म Spirit के लिए शर्त रखी थी: 8-hour workday, profit share, और promotional duties वाले conditions। इससे फिल्म से उनकी ब्रेकअप की खबरें आईं।
हालांकि, इससे फैंस निराश हुए, लेकिन इंडस्ट्री के कई सेलेब्स ने उनका समर्थन किया। यह तभी से चर्चा में रहा कि “Deepika Padukone सिर्फ 쉽 मांग कर रही हैं, नहीं तो overwork का pressure किस cấp तक है।”
ध्यान दें कि वे साथ ही profit sharing की भी मांग कर रही थीं—एक आधुनिक स्टैंड, जो अभिनेत्रियों के growing commercial clout को दर्शाता है।
Kajol और Ajay Devgn ने भी किया समर्थन
हाल ही में एक इवेंट के दौरान Kajol और Ajay Devgn ने भी 8-hour workday का समर्थन किया।
Kajol ने कहा कि structured schedule ना सिर्फ productivity बढ़ाते हैं बल्कि एक्टर्स, खासकर महिलाओं को फैमिली के लिए भी समय देते हैं।
“लंबी शिफ्ट्स के कारण personal life पूरी तरह प्रभावित होती है,” Kajol ने कहा
Mani Ratnam और Neha Dhupia का योगदान
इस बहस में South Indian cinema के अफसर Mani Ratnam ने भी कदम रखा।
वह NDTV इंटरव्यू में बोले कि:
“यह बिल्कुल rightful मांग है—खासकर जब कोई actress young mother हो और उसे family की ज़िम्मेदारी संभालना हो। अगर आप हम इसे schedule नहीं दे सकते, तो आप उन्हें cast ही क्यों करें?”
साथ ही अभिनेत्री Neha Dhupia ने Instagram पर पोस्ट करते हुए लिखा कि:
“For work-life balance… new moms need practical support… वैसे हमें अक्सर shame किया जाता है। As a working mom, मैं Deepika Padukone की fair working hours की मांग के साथ खड़ी हूं।
Pankaj Tripathi का नजरिया
India Today के एक अलगे इंटरव्यू में Pankaj Tripathi ने स्वीकार किया कि वह भी दूरियों के विस्तार का सामना कर चुके हैं—कभी-कभी 16–18 घंटे तक शूट करना पड़ा।
उन्होंने कहा:
“Kaam khiche jaa raha hai… अब politely ‘नहीं’ कह देना चाहिए—कि जितना commitment किया, वो पूरा किया।”
इस बहस का व्यापक असर
1. Work-life balance becomes mainstream
Bollywood में अब केवल फिल्में ही नहीं, sanity भी matter करने लगी है। 8-9 घंटे से अधिक शूट एक unhealthy trend माना जाने लगा है।
2. Structured production planning की ओर shift
Experienced line-producers का कहना है कि अच्छे pre-production के साथ 8-hour शूटिंग achievable है—और इससे costs भी control में आती हैं।
3. Gender parity and equitable pay
Deepika Padukone और Alia Bhatt जैसे stars का उठना दर्शाता है कि कम्पेंसेशन अब box-office drawing power से जुड़ा है—जिसमें gender की जगह कम, performance की जगह ज़्यादा है।
निष्कर्ष
- Deepika Padukone का 8-hour workday और profit share का stance आधुनिक समय की ज़रूरत बन चुका है।
- Bollywood के बड़े नाम—Siddharth Malhotra, Kajol–Ajay Devgn, Mani Ratnam, Neha Dhupia, और Pankaj Tripathi—इस परिवर्तन का समर्थन कर रहे हैं।
- अब यह बहस सिर्फ celebrities की नहीं, बल्कि entire film-making ecosystem की है।
- Fans के इमोशनल समर्थन और social media pressure ने इस issue को बदलने की दिशा में accelerate किया है।
बहरहाल, क्या यह केवल talk बनकर रह जाएगा, या अगली फिल्मों में structured shoots और humane working conditions लागू होंगे? आने वाले महीनों में इस debate की direction बॉलीवुड की production contracts और on-set cultures तय करेंगे।
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