
प्रियांश आर्या: IPL में धमाल मचाने के बाद भी कोच ने दी फटकार – “एक मैच से स्टार नहीं बन जाते!”
प्रियांश आर्या, दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) में 10 मैचों में 608 रन (स्ट्राइक रेट 198.69!) ठोकने वाले इस युवा ओपनर ने अब IPL में धूम मचा दी है। पंजाब किंग्स (PBKS) की तरफ से चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के खिलाफ 39 गेंदों में शतक जड़कर सबका ध्यान खींचा।
लेकिन जब उन्होंने अपने सख्त कोच संजय भारद्वाज को फोन कर तारीफों की उम्मीद की, तो जवाब में मिली जमकर डांट!
कोच का कड़क रुख: “एक मैच से कुछ नहीं होता!
आईपीएल में शानदार पारी खेलने के बाद प्रियांश ने कोच से पूछा:
- “सर, ठीक था?”
- कोच का जवाब था:
“क्या ठीक था? एक मैच अच्छा खेल लिया, इसका मतलब स्टार नहीं बन गए! जमीन पर रहो!”
अगले 10 मिनट तक प्रियांश के मुंह से सिर्फ “जी सर”, “नहीं सर” निकला, जबकि कोच ने समझाया कि एक पारी नहीं, लगातार प्रदर्शन ही आपको महान बनाता है।
कोच की सख्ती क्यों जरूरी है?
संजय भारद्वाज वही कोच हैं जिन्होंने गौतम गंभीर, नितिश राणा, उन्मुक्त चंद जैसे सितारों को गढ़ा है। उनका मानना है कि प्रतिभा अकेले काफी नहीं होती – अनुशासन और मेहनत जरूरी है।
प्रियांश का शानदार सफर
- सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2023: दिल्ली के टॉप स्कोरर (222 रन, स्ट्राइक रेट 166.91)
- दिल्ली प्रीमियर लीग 2024: 10 मैचों में 608 रन (2 शतक, 4 अर्धशतक, स्ट्राइक रेट 198.69!)
- IPL में धमाका: CSK के खिलाफ 39 गेंदों में शतक बनाकर इतिहास रचा
प्रियांश आर्या के पिता पवन आर्या: एक स्कूल टीचर का सपना जिसने IPL स्टार को गढ़ा
नई दिल्ली, 16 मई 2024: पंजाब किंग्स के युवा ओपनर प्रियांश आर्या के चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 39 गेंदों में बनाए शतक ने सभी का ध्यान खींचा है। लेकिन इस सफलता के पीछे उनके पिता पवन आर्या का संघर्ष और सपना छिपा है, जो एक स्कूल शिक्षक हैं और अपने बेटे की क्रिकेट यात्रा में हमेशा साथ खड़े रहे।
मैंने अपनी सैलरी से बेटे के सपने को पूरा किया” – पवन आर्या
हमारे संवाददाता से विशेष बातचीत में पवन आर्या ने बताया:
- “हम मिडिल क्लास फैमिली से हैं। प्रियांश को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलाने के लिए मैंने अपनी जमा पूंजी खर्च की।”
- “कोचिंग फीस, किट और यात्रा का खर्च उठाना आसान नहीं था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी।”
- “आज जब वह IPL में शतक जड़ता है, तो लगता है सब कुछ सही हुआ।”
पिता की मेहनत, बेटे का जुनून
प्रियांश के कोच संजय भारद्वाज ने बताया:
“पवन सर हमेशा प्रियांश के प्रैक्टिस सेशन में आते थे। वह न तो कभी लेट हुए, न ही किसी ट्रेनिंग को मिस किया। एक पिता का यह समर्पण ही प्रियांश की सफलता का राज है।”
- आर्थिक चुनौतियों के बावजूद सपना पूरा किया
- पवन आर्या दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं।
- प्रियांश को अच्छी कोचिंग दिलाने के लिए पारिवारिक खर्चे कम किए।
- कई बार प्रियांश के टूर्नामेंट्स में शामिल होने के लिए छुट्टी ली।
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पापा के बिना मैं यहां नहीं होता” – प्रियांश
अपने पिता के बारे में बात करते हुए प्रियांश ने कहा:
वह मेरे हीरो हैं। उन्होंने मुझे कभी हार मानने नहीं दिया। आज मैं जो कुछ भी हूं, सिर्फ उनकी वजह से हूं।”